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शीतकालीन अवकाश के मुद्दे पर मुख्य सचिव से मिले शिक्षक, मुख्य सचिव ने अवकाश बहाल करने का दिया आश्वासन।

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उत्तराखण्ड के स्कूलों में शीतकालीन अवकाश को लेकर उठा तूफान अभी थमा नहीं है। शिक्षा सचिव द्वारा शीतकालीन अवकाश रद्द किए जाने के आदेश जारी होने के बाद शिक्षक संगठन लगातार इसका विरोध कर रहे है। शीतकालीन अवकाश बहाल करने की मांग को लेकर राजकीय शिक्षक संगठन जहां शिक्षा मंत्री से भी मिल चुका है तो वहीं आज राजकीय शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों ने मुख्य सचिव ओम प्रकाश से मुलाकात की है, मुख्य सचिव ने शिक्षक संगठन को छुट्टियां बहाल करने का आश्वासन दिया है।

राजकीय शिक्षक संघ के महामंत्री सोहन सिंह माज़िला एवं राजकीय शिक्षक संघ कुमाउं मण्डल अध्यक्ष विजय गोस्वामी जी ने मुख्य सचिव से वार्ता की। प्रान्तीय महामंत्री व अध्यक्ष ने दुर्गम एवं अतिदुर्गम क्षेत्रों की दुरूह परिस्थितियों के बारे में मुख्य सचिव को अवगत कराते हुए बताया कि जिन विद्यालयों में इस समय विद्यार्थियों का पहुंचना मुश्किल होता है उन विद्यालयों में शिक्षण कार्य कराया जाना मौसम के मद्देनजर असम्भव है। शिक्षक पूर्ण मनोयोग से कोरोना काल की परिस्थितियों में भी महीनों से मुख्यालयों में बने हुए हैं। लगातार ऑनलाइन शिक्षण में भी शिक्षकों के शिक्षण प्रयास जारी रहे। दीर्घवकाश ही ऐसा समय है जिसमें कई शिक्षक वर्ष में 1 या दो बार अपने मूल क्षेत्र वापस जा पाते हैं। इसलिए शीतवकाश बरकरार रखते हुए आदेश जारी किए जाएं। जिस सम्बन्ध में मुख्य सचिव जी ने पूर्ण आश्वासन दिया है कि शीतवकाश होंगे। लेकिन शिक्षकों को समय पर पाठ्यक्रम पूर्ण करना होगा।

शीतकालीन अवकाश को लेकर सोशल मीडिया पर भी शिक्षकों द्वारा कई पोस्टें की जा रही हैं। दिल्ली के स्कूलों में शीतकालीन अवकाश की घोेषणा के बाद तो कई लोगों ने इस मुद्दे पर उत्तराखण्ड सरकार के आदेशों पर चुटकियां ली हैं। वहीं राजकीय इण्टर कॉलेज मुण्डनेश्वर पौड़ी गढ़वाल के शिक्षक ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग से भी अपील करते हुए कहा है कि कड़ाके की ठण्ड एवं प्रतिकूल मौसम में बच्चों को स्कूल बुलाना उनके जीवन के अधिकार की अवहेलना अवज्ञा है।