Home उत्तराखंड मुख्यमंत्री के बयान पर तीर्थ पुरोहितों में उबाल।

मुख्यमंत्री के बयान पर तीर्थ पुरोहितों में उबाल।

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प्रदेश में चारधाम यात्रा को पूरे देशवासियों के लिए खोल दिया गया है। देवस्थानम बोर्ड ने इसकी गाउडलाइन भी जारी कर दी थी। वहीं प्रदेश में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए तीर्थ पुरोहितों द्वारा देशभर के लिए यात्रा शुरु किए जाने का विरोध भी किया जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चारधाम यात्रा का विरोध करने वालों का कांग्रेस को काग्रेस कार्यकर्ता बताया था। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के इस बयान पर तीर्थ पुरोहितों ने नाराजगी व्यक्त की है। तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री ने अपने इस बयान माफी मांगने व अपना बयान वापस लेने की मांग की है। चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों ने एक सुर में कहा है कि यदि मुख्यमंत्री अपना बयान वापस नहीं लेते तो तीर्थ पुरोहित उनके खिलाफ व्यापक आंदोलन करेंगे।

गंगोत्री धाम में गंगोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा एवं गंगोत्री व्यापार संघ की बैठक मंदिर समिति के सचिव दीपक सेमवाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री द्वारा तीर्थ पुरोहितों को कांग्रेसी बताया जाने वाले बयान पर नाराजगी जताते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड व कोरोना काल में चारधाम यात्रा संचालन का वह  पहले से ही विरोध कर रहे हैं। लेकिन उसके बाद भी सरकार उनको विश्वास में लिए बगैर ही फैसला कर रही है। अब सरकार तीर्थ पुरोहितों का कांग्रेसी बता रही है। मंदिर समिति के सचिव दीपक सेमवाल ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री ने अपने बयान को वापस नहीं लिया तो चारों धामों के पुरोहित व्यापक स्तर पर आंदोलने करने के लिए बाध्य होंगे।

बता दें कि विगत दिनों मुख्यमंत्री ने यात्रा का विरोध करने वालों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए चारधाम यात्रा का विरोध करने वालों को कांग्रेस कार्यकर्ता बताया था। उन्होंने कहा था कि चारधाम यात्रा का विरोध करने वाले तीर्थ पुरोहित नहीं बल्कि कांग्रेस के पदाधिकारी हैं। साथ ही उन्हें नाम व शक्ल से जानने का दावा किया था। और कहा था कि मैं उन्हें आज से नहीं 20 सालों से जानता हूं।