उत्तराखंड में अधिकारियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। बीते दिनों किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने उधम सिंह नगर जिला अधिकारी पर अपमानित करने का आरोप लगाया। तो वहीं आज देहरादून में शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक की ओर से बुलाई गई समीक्षा बैठक में कई विभागों के सचिव नहीं पहुंचे, जिसके चलते मदन कौशिक को यह बैठक स्थगित करनी पड़ी।
उत्तराखण्ड सरकार में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक अधिकारियों के बैठक में नहीं पहुंचने पर भड़क उठे।
Posted by Sajag India on Wednesday, July 22, 2020
शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बैठक को इसलिए स्थगित कर दिया क्योंकि ऊर्जा, पीडब्ल्यूडी, पेयजल जैसे विभागों सचिव बैठक में नहीं पहुंचे। मदन कौशिक ने मुख्य सचिव को फोन पर फटकार लगाते हुए कहा कि उनका समीक्षा बैठक लेने का क्या औचित्य है, जब सचिव उनकी बैठक में न हो। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक का कहना था कि जिस बैठक में सचिवों को मौजूद होना चाहिए था, उसमें विभागों के अन्य अधिकारी भेजे गए हैं, जिस वजह से वह बैठक नहीं ले पाएंगे। मंत्री मदन कौशिक ने अधिकारियों को बैठक छोड़ने के बाद यह तक कहा कि यदि सचिव उनकी बैठक में नहीं आना चाहते हैं तो फिर वह बैठक नहीं ले पाएंगे और मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव ही बैठक लेंगे।
उत्तराखंड में अधिकारियों द्वारा बैठकों में देर से पहुंचना या ना पहुंचने का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई बार अधिकारियों के बैठक में समय से न पहुंचने पर बैठकों को या तो स्थगित करना पड़ा है, या फिर बैठकें देर से शुरू हुई हैं। इससे पहले मंत्री यशपाल आर्य भी एक बार परिवहन सचिव के बैठक में देरी से पहुंचने पर भड़क उठे थे, लेकिन फिर भी अधिकारियों की कार्यप्रणाली नहीं सुधरी।