श्रीदेवसुमन विश्वविद्यालय के कुलपति ने विश्वविद्यालय के कुलपति सुधीर बुडाकोटी के खिलाफ एक और एक्शन लेते हुए उनके द्वारा निष्पादित किए जने वाले सभी कार्यों पर रोक लगा दी है। कुलसचिव के ऊपर यह एक्शन कुलपति के आदेशों की अवहेलना और कार्यों के प्रति लापरवाही के चलते लिया गया है। गौरतलब है कि विश्व विद्यालय के कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठते रहे हैं।
कुलसचिव लगातार विश्वविद्यालय से अनुपस्थित चल रहे हैं, विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें जून 2020 में पत्र जारी कर विश्वविद्यालय परिसर बादशाहीथौल में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उसके बाद 15 जून 2020 को विश्वविद्यालय ने उन्हें उच्च शिक्षा मंत्री उत्तराखंड के निजी स्टाफ/ कार्यालय में सम्बद्धीकरण हेतु छह माह के लिए विश्वविद्यालय के लिए कार्यमुक्त किया। 6 माह की अवधि के बाद 25 नवंबर 2020 को विश्वविद्यालय ने अपने पूर्व आदेश को निरस्त करते हुए विश्वविद्यालय मुख्यालय बादशाहीथौल में कार्य करने हेतु आदेशित किया गया। जिसके पश्चात 2 दिसंबर को कुलसचिव ने विश्वविद्यालय कार्यालय में कार्यभार ग्रहण करने की सूचना प्रस्तुत की, लेकिन 3 दिसंबर को वह मुख्यालय से बिना किसी अनुमति के कहीं अन्यत्र चले गए, और कुलपति को भी इसके संबंध में कोई जानकारी नहीं दी।
कुलपति की बगैर अनुमति के 3 दिसंबर से कुलसचिव लगातार विश्वविद्यालय के विभागीय वाहन का प्रयोग करते रहे, कुलपति ने 9 दिसंबर को पत्र जारी कर कुलसचिव से इन सभी बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगते हुए 2 दिन के भीतर विश्वविद्यालय मुख्यालय में उपस्थित रहने के निर्देश दिए व 10 दिसंबर को कुलसचिव के विभागीय वाहन के प्रयोग पर रोक लगा दी। कुलपति के इन आदेशों के बाद कुलसचिव ने विभागीय वाहन तो लौटा दिया लेकिन वह खुद विश्वविद्यालय मुख्यालय में उपस्थित नहीं हुए। जिसके बाद सोमवार 14 दिसंबर को कुलपति पी. पी. ध्यानी ने सुधीर बुडाकोटी द्वारा कुलसचिव श्रीदेवसुमन विश्वविद्यालय की हैसियत से राजकीय कार्यों के निर्वहन हेतु सभी कार्यकलापों को प्रतिबंधित कर दिया है।