Home अपना उत्तराखंड देहरादून श्रीदेवसुमन विश्वविद्यालय सेमेस्टर परीक्षा में लगा चन्द्रग्रहण

श्रीदेवसुमन विश्वविद्यालय सेमेस्टर परीक्षा में लगा चन्द्रग्रहण

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उच्च शिक्षा कल्याण परिषद उत्तराखंड का एक प्रतिनिधिमंडल एडवोकेट ललित मोहन जोशी के नेतृत्व में श्रीदेवसुमन विश्वविद्यालय उत्तराखंड के कुलपति से मिला।प्रतिनिधिमंडल ने निजी महाविद्यालयों में भी सेमेस्टर प्रणाली समाप्त कर शासकीय महाविद्यालयों की भांति वार्षिक प्रणाली लागू करनेे का निवेदन किया।
दरअसल उत्तराखंड उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 14 नवंबर 2019 को शासनादेश जारी कर विश्वविद्यालयों को सेमेस्टर प्रणाली समाप्त करने के निर्देश दिए।इसी क्रम में कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल द्वारा 26 नवंबर 2019 को पत्र जारी कर सभी महाविद्यालयों, निजी संस्थाओं को वार्षिक प्रणाली लागू करने का आदेश दिया। लेकिन कुछ समय उपरांत श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय उत्तराखंड कैम्प कार्यालय देहरादून द्वारा पत्र जारी कर कहा गया कि सेमेस्टर प्रणाली केवल राजकीय महाविद्यालयों में ही समाप्त की गई है, तथा निजी संस्थानों, अशासकीय महाविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली पूर्व की तरह यथावत रखी गई है। विश्वविद्यालय के इस फैसले से छात्र-छात्राओं के साथ ही निजी संस्थानों में भी दुविधा उत्पन्न हो गई। और निजी संस्थान इसका विरोध कर रहे हैं।
उत्तराखंड उच्च शिक्षा कल्याण परिषद के अध्यक्ष एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने बताया कि एक ही विश्वविद्यालय में दो तरह की परीक्षाएं होने से छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जो कि संविधान के अनुच्छेद 14 का भी उल्लंघन है एक विश्वविद्यालय के कुछ छात्र-छात्राओं को वार्षिक रिजल्ट प्राप्त होगा तथा दूसरे छात्र छात्राओं को सेमेस्टर रिजल्ट प्राप्त होगा जिससे उनके मन में भेदभाव होने का संशय पैदा हो रहा है एक व्यक्ति विशेष साल में एक बार 5- 6 विषय में परीक्षा देगा तथा ठीक उसी वर्ष दूसरे छात्र- छात्राओं को 10 से 12 पेपर देने होंगे, इस स्थिति में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में अलग-अलग प्रथा पैदा होने की स्थिति बन रही है जो कि छात्र छात्राओं के हित में प्रतीत नहीं होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि अशासकीय संस्थानों में सेमेस्टर प्रणाली समाप्त नहीं की जाती है तो छात्र-छात्राओं के हितों के लिए अशासकीय संस्थान उच्चतम न्यायालय की शरण में जाएंगे।
प्रतिनिधि मण्डल में अनिल तोमर, जितेंद्र यादव, शक्ति बर्थवाल, निशांत थपलियाल, ललित जोशी, शंभू प्रसाद नौटियाल, गौरव कुमार, डॉ डीएस नेगी शामिल रहे।