Home अपना उत्तराखंड देहरादून सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेस विधायक धरने पर

सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेस विधायक धरने पर

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उत्तराखण्ड़ विधानसभा सत्र का आज आखिरी दिन है, सदन शुरु होेने से पहले ही कांग्रेस विधायक हरि प्रसाद टम्टा शिल्प कला केंद्र के कार्य को रोकने के मामले को लेकर गोविंद सिंह कुंजवाल के नेतृत्व में गैलरी में धरने पर बैठे गए, जागेश्वर विधानसभा के गुरुड़ाबांज क्षेत्र में एक अरब रुपये की लागत से हरि प्रसाद टम्टा शिल्प उन्नयन संस्थान बन रहा है, संस्थान में पर्वतीय क्षेत्र के पत्थर के परंपरागत शैली के भवन निर्माण, ताम्र शिल्प, पीतल उद्योग, बांस और रिंगाल की वस्तुओं का निर्माण, प्रशिक्षणों के माध्यम से उत्पादों का निर्माण और विपणन की व्यवस्था करना था।पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने 3 साल में इस संस्थान के लिए कुछ नहीं किया जिससे पर्वतीय क्षेत्र के परंपरागत शिल्प कला के उत्थान की योजना अधर में लटकी हुई है,उन्होंने कहा कि गुरुड़ाबांज में चयनित भूमि के समलीकरण, मुख्य सड़क से संस्थान तक सड़क निर्माण, चारदीवारी, बिजली, पानी की लाइन बिछाने, भवन की बुनियाद डालने आदि काम हुए, पर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद संस्थान का काम आगे नहीं बढ़ सका सरकार 36 करोड़ 60 लाख का बजट भी नहीं दे पाई।कांग्रेस के आरोपो का जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि संस्थान के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये बजट की आवश्यकता है, भारत सरकार से बजट की अपील की मांग की है, बजट मिलते ही काम शुरु करेंगे।

वहीं प्रदेश सरकार आज सदन के पटल पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखाकार की 31 मार्च 2018 तक समाप्त वर्ष की रिपोर्ट पेश करेगी। इसके अलावा चारधाम श्राइन प्रबंधन विधेयक और दंड संहिता संशोधन विधेयक पर चर्चा कराकर उन्हें पारित कराने का प्रयास करेगी। कांग्रेस ने श्राइन बोर्ड से संबंधित विधेयक को विधानसभा की प्रवर समिति को सौंपने का प्रस्ताव विधानसभा सचिव को दे दिया है। आज सदन में कांग्रेस ने चारधाम श्राइन प्रबंधन विधेयक के विरोध के बीच टीएचडीसी के विनिवेश का मुद्दा उठाएगी। टीएचडीसी के मुद्दे को कांग्रेस कार्यस्थगन के प्रस्ताव के रूप में लाएगी।
सोमवार को विधानसभा सत्र में विपक्ष के हंगामे के चलते 28 विभागों की अनुदान मांगे केवल 25 मिनट में ही बिना किसी चर्चा के पारित हो गईं। विपक्ष के असहयोग का फायदा उठाते हुए सत्ता पक्ष ने विनियोग विधेयक भी बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया।