Home अपना उत्तराखंड नैनीताल रामनगर- दो दिवसीय बुरांश महोत्सव में लोक गीतों पर जमकर झूमे लोग।

रामनगर- दो दिवसीय बुरांश महोत्सव में लोक गीतों पर जमकर झूमे लोग।

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रामनगर में मकर संक्रांति के अवसर पर दो दिवसीय बुरांश महोत्सव का आयोजन किया गया। नवप्रभात सोसायटी द्वारा विगत कुछ वर्षों से कानिया गांव के रामलीला मैदान में बुरांश महोत्सव आयोजित किया जा रहा है, इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पहाड़ की संस्कृति को संजोना और युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति से रूबरु कराना है। कार्यक्रम का शुभारंभ 14 जनवरी को सल्ट क्षेत्र के पूर्व विधायक रणजीत रावत ने किया। वहीं कल लोकगायक स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी के पुत्र रमेश बाबू गोस्वामी, नारायण सोराड़ी, पुष्प पुरोहित ने अपने गीतों से कार्यक्रम में आए लोगों को झूमने पर मजबूर किया। रमेश बाबू  गोस्वामी ने  माँ बाराही की स्तुति तेर नाम की मैया हम ज्योति जगुला, हवा चली संग संग, ये मेरो कुमाऊ ये मेरो गढ़ देश, नारायण सोराड़ी ने हिट दे हिट दा मेरो साज पायो, आज मेरो रामनगर में महोत्सव भायो, पर्वतीय महिला ग्राम विकास समिति रामनगर भुवन चन्द्र जोशी द्वारा घम घमा रे हुड़की बाज की प्रस्तुति दी।
वहीं कार्यक्रम के दूसरे दिन रामनगर ब्लॉक प्रमुख रेखा रावत कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रही। दो दिन तक चले इस महोत्सव में उत्तराखंडी संस्कृति की झलक देखने को मिली। इस दौरान उत्तराखंड की मशहूर गायिका संगीता ढौढियाल ने हाय काकड़ी झिलमा, नुण पीसो सिलमा, मोहना बैठी रेछै मेरो दिलमा। लागी सुवा घुट घुट भटुली लागी, हरिमन दा ने होसिया मेरी पराणी, तकणी बहुत में करूलो यादा, ओ नंदा सुनंदा तू देण है जाये, भाष्कर कुमार ने उत्तरायणी कौतिक लागिरो सरयू का बगड़ मा, त्वले आये मयले उला बागनाथ मन्दिर मा जुला मेरी सरूली, ओ मेरी सरूली गाने पर लोगों को झूमने पर मजबूर किया। इस महोत्सव में आयी गायिका संगीता ढोडियाल का कहना है की हमारे आने वाली पीढ़ी हमारे उत्तराखंड के कल्चर को इन महोत्सवों के माध्यम से पहचानें, ऐसे महोत्सव को प्रदेश की सरकार के दवारा बढ़ावा देना चाहिए।