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उत्तराखंड पहुंचे नेपाल के उपप्रधानमंत्री, पतंजलि योगपीठ में किया गया सम्मान …

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हरिद्वार पहुंचे नेपाल के उपप्रधानमंत्री उपेंद्र यादव ने कालापानी विवाद को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने मीडिया से बात चीत में कहा कि काला पानी सीमा विवाद पर दोनों देश बैठेंगे तो इसका हल हो जाएगा। भारत और नेपाल के बीच किसी तरह का कोई विवाद नहीं है।

दोनों देशों की सरकारों के बीच आपसी समझ बूझ है। नेपाल और भारत अलग-अलग राष्ट्र होने के बाद भी दोनों में काफी समानताएं हैं। दोनों देश भाई-भाई हैं और भाइयों में छोटे-मोटे विवाद होते ही रहते हैं। दोनों देश आपसी बातचीत से मिलकर कालापानी का विवाद सुझला लेंगे।

उन्होंने कहा कि भौगोलिक समानताओं के साथ साथ भारत और नेपाल की प्राचीन संस्कृति, सभ्यता, पहनावा दोनों राष्ट्रों के महान व्यक्तियों व नदियों से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भारत और  नेपाल के साथ साथ संपूर्ण विश्व के लिए पतंजलि का अभूतपूर्व योगदान रहा है। नेपाल और भारत में जड़ी-बूटियों की बहुलता है, जो विश्व को आरोग्य प्रदान कर रही है।

उन्होंने कहा कि आधुनिक परिवेश में पतंजलि अनुसंधान संस्थान के माध्यम से प्राचीन योग व आयुर्वेद को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़कर नया स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। पतंजलि योगपीठ का विस्तार नेपाल में भी किया जाएगा और नेपाल और भारत के संबंध हमेशा अटूट रहेंगे। स्वामी रामदेव ने योग आचार्य बालकृष्ण आयुर्वेद के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया है ।

नेपाल और भारत को मित्रता व एकता विरासत में मिली
इस अवसर पर योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि नेपाल और भारत को मित्रता व एकता विरासत में मिली है। दोनों राष्ट्र पूर्ण सद्भाव व संपूर्ण एकता के साथ प्रगति के सोपान चढ़ रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि वर्तमान नेपाल सरकार, उप.प्रधानमंत्री उपेंद्र यादव के नेतृत्व में नेपाल राष्ट्र को उस ऊँचाई पर लेकर जाएगी जहां नेपाल की तीन करोड़ जनसंख्या उसे देखना चाहती है।

इस मौके पर पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण महाराज, पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति. कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल, रजिस्ट्रार  प्रवीण पूनिया, पतंजलि भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्राचार्य डॉ. डीएन शर्मा आदि मौजूद रहे।

एक सवाल के जवाब में स्वामी रामदेव ने कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार जो ट्रस्ट बनाएं ,उसमें उन लोगों को प्रमुख स्थान देना चाहिए । जो राम जन्मभूमि के आंदोलन से जुड़े रहे हैं ,जैसे राम जन्मभूमि न्यास और विश्व हिंदू परिषद ने राम जन्मभूमि निर्माण आंदोलन के लिए संघर्ष किया है। ऐसे लोगों को इस ट्रस्ट में प्रमुख स्थान मिलना चाहिए।