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नैनीताल- तार-तार हुए रिश्ते, चचेरे भाई की हवस का शिकार बनी नाबालिक, ऐसे हुआ खुलासा।

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बीती 6 फरवरी की सुबह नैनीताल के स्टाफ हाउस के पास नाले में नवजात फेंकी गई बच्ची फेंकी गई थी, नाले से बच्ची के चिल्लाने की आवाज सुनकर वहां से गुजर रहे लोगों ने बच्ची को नाले से निकालकर नैनीताल के जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की।

जिलाधिकारी नैनीताल सविन बंसल के संज्ञान में मामला आने पर जिलाधिकारी ने बच्ची को नाले में नग्न अवस्था में इस तरह फेंक कर घृणित काम करने वालों के बारे सूचना देने वाले को 10 हज़ार का नगद इनाम दिए जाने और नाम बताने वाले का नाम गुप्त रखे जाने की घोषणा की, साथ ही मानवता को शर्मसार करने वालो को नियमानुसार दंडित करने की भी बात कही।

जिलाधिकारी सविन बंसल द्वारा गुनहगारों को की सूचना देने वाले को इनाम देने की घोषणा के बाद एक महिला मुखबिर ने थाने में आकर सूचना दी, सूचना मिलने के बाद पुलिस ने एक संदिग्ध परिवार से प्राथमिक पूछताछ की जिसमें ये खुलासा हुआ कि कक्षा 9 में पढ़ने वाला छात्र काफी लंबे समय से अपनी नाबालिग बहन से दुष्कर्म करता आ रहा था, जिसका नतीजा नाबालिग का गर्भवती होना निकला। इस बारे में जब परिवार वालों को पता चला तो उन्होंने लोक लाज के डर से 6 फरवरी को पैदा हुई नवजात बच्ची को नाले में फेंक दिया।

पुलिस के अनुसार उत्तराखंड राज्य में ये ऐसा पहला मामला है, जिसमें आईपीसीसी की धारा 307,और 315 लगाई गई है। पुलिस ने इस खुलासे से पहले ही अज्ञात के नाम मुकदमा दर्ज कर लिया था, सूत्रों के अनुसार एक महिला ने इस बारे में जानकारी दी जिसके बाद पुलिस ने एक संदिग्ध परिवार को पुलिस स्टेशन बुलाकर छानबीन की साथ ही नाबालिग और परिवार वालों के बयान दर्ज किए। लड़की की माँ रोजी रोटी के लिए लोगों के घरों में साफ सफाई और बर्तन माझने का काम करती है, और पिता नैनीताल के ही एक होटल में कर्मचारी है। बताया जा रहा है कि दोनों नाबालिग लड़के और लड़की के डीएनए की जांच की जाएगी, और नवजात बच्ची के डीएनए से मैच किया जाएगा।