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30 जून तक जागेश्वर धाम श्रद्धालुओं के दर्शन व पूजा-पाठ के लिए ना खोला जाए।

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केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के तहत 8 जून से धार्मिक स्थलों को खोलने की छूट दे दी गई है। लेकिन उत्तराखण्ड में अब भी कई धार्मिक स्थल ऐसे हैं, जिनके दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। बदरीनाथ धाम में 30 जून तक श्रद्धालु यात्रा नहीं कर सकेंगे तो विश्व प्रसिद्ध व आठवे ज्योतिर्लिंग श्री ज्योतिर्लिंग जागेश्वर धाम को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने पर असमंजस की स्थिति बरकरार है।
आज जिलाधिकारी अल्मोड़ा के निर्देश पर उपजिलाधिकारी जैंती/ भनोली की अध्यक्षता में विश्व प्रसिद्ध व आठवे ज्योतिर्लिंग के रूप में पूज्य श्री ज्योतिर्लिंग जागेश्वर धाम को दर्शन हेतु श्रद्धालुओं के लिए खोलने संबंधित एक बैठक तहसील कार्यालय गरूडाबाज में हुई। बैठक मे उपस्थित समस्त प्रतिनिधियों द्वारा एक सुर में कहा कि आगामी 30 जून तक श्री ज्योतिर्लिंग जागेश्वर धाम के कपाट दर्शन व पूजा-पाठ हेतु ना खोले जाएं।

बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा निम्न प्रस्ताव दिए गये-

1. आगामी 30 जून तक मंदिर में दर्शन पूर्ण रूप से वर्जित रहेगे तथा 30 जून के बाद  कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आंकड़ों पर चर्चा कर आगामी  जुलाई माह  हेतु निर्णय लिया जाएगा ।

2. ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से श्रद्धालुओं की पूजा पाठ अनुष्ठान संपन्न कराए जाएंगे जिसके अंतर्गत जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति की अधिकारिक वेबसाइट या दिए गए मोबाइल नंबर के माध्यम से एक-दो दिन पूर्व  में पूजाओं का पंजीकरण किया जा सकता है तथा पंजीकरण होने उपरांत धाम के पुजारियों द्वारा रोस्टर विधि से पूर्ण विधि-विधान के साथ यह पूजा की जाएंगी, बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी पूजा संपन्न नहीं कराई जाएगी। यदि कोई श्रद्धालु पुजारियों के माध्यम से भी पूजा कराना चाहते हैं तो उसके लिए संबंधित श्रद्धालु या पुजारी द्वारा रजिस्ट्रेशन कराया जाना आवश्यक होगा।

3. जागेश्वर धाम में होने वाले यज्ञोपवीत संस्कार व अन्य क्रियाकलाप आदि को स्थानीय स्तर पर अधिकतम 5 लोगों के साथ जिसमें वाहन चालक, पुजारी, व तीन परिवार के सदस्यों के साथ मंदिर समिति से दो या तीन दिन पूर्व अनुमति व पंजीकरण कराने उपरांत संपन्न कराया जा सकता है। जिस हेतु एक न्यूनतम धनराशि का भुगतान किया जाना होगा। यज्ञोपवीत  करने वाले श्रद्धालुओं  के साथ  पुजारी उपलब्ध ना होने पर पुजारी की व्यवस्था जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा की जाएगी जिस हेतु श्रद्धालुओं को संबंधित पुजारी को भुगतान किया जाएगा। इसके अंतर्गत दैनिक आधार पर कराए जाने वाले यज्ञोपवीत संस्कारो की संख्या लिमिटेड की जाएगी।

उपरोक्त प्रस्ताव को उप जिलाधिकारी महोदय जैंती/ भनोली द्वारा जिलाधिकारी महोदय अल्मोड़ा को प्रेषित किया गया है तथा उपरोक्त संदर्भ में अंतिम निर्णय जिलाधिकारी महोदय अल्मोड़ा को लेना है।