Home खास ख़बर दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा हरिद्वार महाकुम्भ 2021

दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा हरिद्वार महाकुम्भ 2021

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हरिद्वार महाकुम्भ 2021, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा।वैश्विक स्तर के इस मेले में दुनियाभर से करोड़ों श्रद्धालु आएंगे, मेले की ऐसी व्यवस्थायें होनी चाहिए ताकि यह आयोजन भविष्य के आयोजनों के लिये मिसाल बने।यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुम्भ को लेकर मुख्यमंत्री आवास में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, अखाड़ा परिषदों के संतों, शासन व कुम्भ मेला के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में कही।मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 2021 महाकुम्भ शांतिपूर्ण एवं दुर्घटना रहित हो इसके लिए सभी तैयारियां कर ली जाय, कुम्भ में भीड़ प्रबंधन बड़ी चुनौती होगी। भीड़ प्रबंधन में संत समाज एवं अखाड़ा परिषद का सहयोग जरूरी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसके लिए रूट चार्ट एवं पार्किंग स्थलों की सुनियोजित प्लानिंग की जाय। उन्होंने संत समाज से आग्रह किया कि शाही स्नानों की तिथि समय पर निर्धारित की जाय, ताकि उस हिसाब से आगे की व्यवस्थाएं हो सके। मेला क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण को चिन्हित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार को जोड़ने वाली सभी सडकों एवं पुलों के निर्माण में तेजी लाई जाय। इसके लिये दो या तीन शिफ्ट में कार्य करने की प्रक्रिया अपनायी जाय। उन्होंने कहा कि कुम्भ की व्यवस्थाओं के लिये जो भी जरूरत होगी वह उपलब्ध करायी जायेगी। सभी अधिकारी तालमेल से कार्य करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के दौरान सभी अखाड़ों को शाही स्नान के दौरान कोई कठिनाई न हो इसका ध्यान रखा जाय, इस सम्बन्ध में अखाड़ो को आवागमन में कोई बाधा न हो इसकी भी पहले से ही सुचारू व्यवस्था की जाय।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि संत समाज के सहयोग से भव्य एवं दिव्य कुम्भ का आयोजन किया जायेगा।आखाड़ा परिषदों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे। सभी के सामूहिक प्रयासों से कुम्भ मेला सफलतापूर्वक सम्पन्न कराया जायेगा। देश व दुनिया के श्रद्धालुओं को कुम्भ में बेहतर व्यवस्थायें उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे।
अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने कहा कि शांतिपूर्ण कुम्भ मेला सम्पन्न कराने के लिए राज्य सरकार को पूरा सहयोग दिया जायेगा।शाही स्नानों की तिथि जल्द घोषित की जायेगी। कुम्भ क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने, आन्तरिक सडकों के निर्माण, स्वच्छता, पेयजल, पेशवाई मार्गो के निर्माण, अखाड़ों को भूमि उपलब्ध कराने, अखाड़ों के निर्माण के लिये आवश्यक धनराशि की उपलब्धता की बात कही। अखाड़ा परिषद् के महामंत्री महंत हरिगिरि ने कहा कि कुंभ मेले के भव्य आयोजन के लिए सबको निस्वार्थ भाव से कार्य करना होगा।बैरागी कैम्प से अतिक्रमण हटाना जरूरी है।कुम्भ भारतीय संस्कृति का दर्पण है, इसके लिए पहले से ही सुनियोजित कार्य योजना का होना जरूरी है। बैठक में मेला आई.जी संजय गुंज्याल एवं अपर मेलाधिकरी ललित नारायण मिश्रा ने अपने व्यापक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से कुम्भ के आयोजन से सम्बन्धित व्यवस्थाओं की जानकारी दी।