Home अपना उत्तराखंड उत्तराखंड: डीएम ने गरीब छात्रों के संग मनाई शादी की सालगिरह…

उत्तराखंड: डीएम ने गरीब छात्रों के संग मनाई शादी की सालगिरह…

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पहाड़ में चुनौतियां पहाड़ जैसी ही हैं, लेकिन शुक्र है कि पहाड़ को कुछ ऐसे अफसर भी मिले हैं जो कि अपने दम पर पहाड़ को संवारने की कोशिश में जुटे हैं, उनकी इन कोशिशों के अच्छे नतीजे भी देखने को मिल रहे हैं। ऐसे ही कर्मठ अफसर हैं रुद्रप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल, जो कि अपनी अलग कार्यशैली के चलते अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में डीएम मंगेश घिल्डियाल और उनकी पत्नी ऊषा घिल्डियाल ने अपनी शादी की सालगिरह मनाई, अब आप सोचेंगे कि इसमें अलग क्या है, दरअसल अलग और विशेष ये है कि इस मौके को यादगार बनाने के लिए वो किसी महंगे होटल या रेस्टोरेंट में नहीं गए। खुशी के इस पल में उनके साथी बने वो नन्हें बच्चे, जो कि सतेराखाल के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हैं। इस दौरान घिल्डियाल दंपति ने बच्चों के साथ स्कूल में बैठकर खाना भी खाया और उनसे खूब बातें की। बच्चों की तो पूछिए ही मत वो तो डीएम को अपने बीच पाकर इतने खुश थे कि उनकी खुशी संभाले नहीं संभल रही थी।

लीक से हटकर काम करने वाले डीएम मंगेश घिल्डियाल युवाओं के लिए रोल मॉडल बन चुके हैं। यूं तो उनकी शादी की सालगिरह 21 मई को थी, लेकिन पीएम के केदारनाथ दौरे और फिर चुनाव की मतगणना के कार्य में व्यस्त रहने के कारण वह उस दिन सालगिरह नहीं मना सके थे। शादी की सालगिरह उन्होंने शनिवार को गरीब बच्चों के साथ मनाई। बच्चों के लिए भी ये पार्टी का मौका था। उनके लिए पनीर, खीर, पूरी, आलू-गोभी की सब्जी और भात बनवाया गया था। साथ ही केले, चॉकलेट, टॉफी, कोल्ड ड्रिंक, मिठाई भी मंगाई गई थी। मंगेश और ऊषा ने भी बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर खाना खाया। चलिए अब आपको पहाड़ के इस दबंग डीएम के बारे में थोड़ी जानकारी और दे देते हैं। डीएम मंगेश हर दिन 16 घंटे काम करते हैं। यही नहीं सुबह दस बजे अपने दफ्तर जाने से पहले वो स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाते हैं, साथ ही लोगों की समस्याएं भी सुनते हैं।

सोमवार को जनता दरबार में ग्रामीण उनसे मिलने आते हैं और उनसे अपनी परेशानियां साझा करते हैं। मुसीबत में फंसा कोई आदमी डीएम को जब भी फोन करे वो उसकी समस्या सुनते जरूर हैं। डीएम मंगेश जितने कर्मठ हैं, उनकी पत्नी ऊषा भी उतनी ही जुझारू हैं। इन दोनों की शादी 21 मई 2013 में हुई थी। ऊषा घिल्डियाल नैनीताल की रहने वाली हैं। घिल्डियाल दंपति समाजसेवा के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय काम कर रहा है। हर स्कूल पर उनकी नजर होती है। डीएम मंगेश घिल्डियाल ने एक कोचिंग सेंटर भी खोला है, जहां गरीब बच्चों को निशुल्क कोचिंग के साथ ही निशुल्क पुस्तकें भी दी जाती है। डीएम मंगेश घिल्डियाल की बदौलत रुद्रप्रयाग जिला एक मॉडल बन गया है। सोशल मीडिया पर भी उनके कामों की खूब तारीफ होती है। काश पहाड़ के हर जिले को डीएम मंगेश घिल्डियाल जैसा डीएम मिले।