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उत्तराखंड : मुनस्यारी भारत का प्राग, यहां मौजूद हैं पांडवों के बनाये 5 चूल्हे…

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मुनस्यारी पंचचूली की शानदार चोटियों पर बसा पहाड़ी कस्बा है। समुद तल से इसकी ऊंचाई 2200 मीटर है। हर साल लाखों की तादाद में देसी-विदेशी पर्यटक मुस्यारी की खूबसूरती से रूबरू होने के लिए आते हैं। यहां की मनमोहक वादियां और प्रकृति का अनुपम सौंदर्य आपका भी दिल जीत लेगा। मुनस्यारी की दूरी दिल्ली से सिर्फ साढ़े छह सौ किलोमीटर है।

मुनस्यारी जाने के लिए आपको इसके सबसे करीबी रेलवे स्टेशन काठगोदाम उतरना होगा। काठगोदाम से मुनस्यारी की दूरी करीब 295 किलोमीटर है। आप चाहें तो टैक्सी बुक कर सकते हैं या फिर यहां से बस लेकर मुनस्यारी जा सकते हैं।

पंचचूली की शानदार चोटियों पर बसे मुनस्यारी में आप सर्दियों में भी जा सकते हैं। सर्दी में यहां जमकर बर्फ-बारी होती है। हालांकि ज्यादातर पर्यटक मुनस्यारी गर्मियों में जाना पसंद करते हैं। लेकिन अगर आपको सर्दी में बर्फ पर ट्रैकिंग का आनंद लेना है तो आप सर्दियों के मौसम में भी मुनस्यारी की सैर कर सकते हैं।

पंचचूली को लेकर कहावत है कि यहां पांडवों ने अपना अलग-अलग चूल्हे में अपना भोजन बनाया था। पांडवों के इन पांचों अलग-अलग चूल्हों की वजह से ही इसका नाम पंचचूली पड़ा। मुनस्यारी में आपको हिमालय के अनेक रूप और दूर-दूर तक फैली पहाड़ी चोटियों की नैसर्गिक खूबसूरती देखने को मिलेगी।

मुनस्यारी में आप मदकोट घूम सकते हैं। यह स्थान मुनस्यारी से सिर्फ 22 किलोमीटर की दूरी पर है। यह स्पेस फोटोग्राफी के लिए सबसे उपयुक्त है। अगर आप मुनस्यारी जाकर फोटोग्राफी करना चाहते हैं तो मदकोट जरूर जाएं।