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अपनी ही सरकार को असहज कर गए ये विधायक

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सल्ट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना अपने सवालों से कई बार अपनी ही सरकार को असहज में डाल देते हैं, विधानसभा शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधायक सुरेन्द्र जीना वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव ले आए, जीना के इस प्रस्ताव से सत्ता पक्ष असहज नजर आया।जीना ने कहा कि मेरा प्रस्ताव जनता-राज्यहित से जुड़ा है, जंगली जानवरों ने स्थानीय लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है, कुछ दिन पहले ही हाथियों ने पर्यटकों की गाड़ी पर हमला कर दिया था, सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए, साथ ही कहा कि उन्होंने पिछली बार भी जिम कार्बेट पार्क से सटे क्षेत्र और रामनगर-मर्चुला मार्ग पर वन्य जीव के आतंक का मुद्दा उठाया था, वहां हाथी 30 बार हमला कर चुका है,हाथी ने एक शिक्षक को भी मार डाला था,इस पर मंत्री की ओर से जवाब मिला कि हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, नारियल की रस्सियां जलाकर लटकाई जाती हैं, ग्रामीणों को पटाखे ढ़ोल दिए गए हैं और गश्त हो रही है,जीना ने कहा कि असल में ऐसा हो ही नहीं रहा है। ऐसी घटनाओं के कई घंटे बाद अफसर मौके पर आते हैं। मंत्री की गलत सूचना से जनप्रतिनिधियों को भी जनता के बीच फजीहत उठानी पड़ती है, गलत सूचना देकर मंत्री ने सदन को गुमराह किया है इसलिए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का दोष बनता है। विधानसभा की कार्यसूची के तहत विशेषाधिकार के मामले को 26वें नंबर पर रखा गया था, मगर 25 के बाद सीधा 29वें नबंर के विषय पर चर्चा होते देख जीना सीट से उठे और विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि उनका मामला तो लिया ही नहीं गया, जीना के विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने नियमों का जिक्र करते हुए कहा कि ये विशेषाधिकार का मामला नहीं बनता है, सदस्य द्वारा सरकार को इसकी सूचना भी नहीं दी गई है, इस पर जीना बोले कि यह उनका नहीं बल्कि विधानसभा का काम है इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने जीना को प्रस्ताव रखने की अनुमति दे दी।