Home अपना उत्तराखंड आंगनवाड़ी केंद्रों में मिलेगा अकेले रहने वाले बुजुर्गों के लिए भोजन, सरकार...

आंगनवाड़ी केंद्रों में मिलेगा अकेले रहने वाले बुजुर्गों के लिए भोजन, सरकार ला रही नई योजना…

1614
SHARE

देहरादून : पलायन की मार से त्रस्त प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अकेले जीवन यापन को मजबूर बुजुर्गों के लिए राहत भरी खबर। प्रदेश सरकार अब ऐसे बुजुर्गों को रोजाना कम से कम एक वक्त का भोजन उपलब्ध कराएगी। आंगनवाड़ी केंद्रों के जरिये यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। अभी प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया चल रही है, लिहाजा इसके बाद सरकार इस संबंध में प्रस्ताव कैबिनेट में लाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक इस योजना के अमल में आने से काफी बड़ी संख्या में अकेले रह रहे बुजुर्गों की भोजन की समस्या दूर होगी।

विषम भूगोल वाले उत्तराखंड में पलायन के चलते यहां के सामाजिक तानेबाने पर खासा असर पड़ा है। पलायन के आंकड़े बताते हैं कि राज्य गठन से अब तक 1702 गांव पूरी तरह निर्जन हो चुके हैं। हजारों की संख्या में ऐसे गांव हैं, जहां लोगों की संख्या अंगुलियों में गिनने लायक रह गई है। इनमें भी गांव में रह रहे लोगों में बुजुर्गों की संख्या सबसे अधिक है। ये बुजुर्ग माटी से मोह को देखते हुए गांवों में ही जमे हुए हैं। वह भी तब, जबकि उनके सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा है।

इस सबको देखते हुए अब प्रदेश सरकार का ध्यान गांवों को जिलाए रखे इन बुजुर्गों की तरफ गया है। अकेले रहने वाले बुजुर्गों को अब आंगनवाड़ी केंद्रों के जरिये सरकार कम से कम एक वक्त का भोजन मुहैया कराने की तैयारी कर रही है। दरअसल, प्रदेशभर में 20066 आंगनवाड़ी व मिनी आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनके जरिये छह साल तक के बच्चों के साथ ही गर्भवती व धात्री महिलाओं को पोषाहार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही कुपोषण से निबटने में भी आंगनवाड़ी केंद्र अहम भूमिका निभा रहे हैं। अब इन आंगनवाड़ी केंद्रों को सरकार बुजुर्गों की जिम्मेदारी भी सौंपने जा रही है। जिस तरह से आंगनवाड़ी केंद्रों के जरिये बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को पोषाहार और पका-पकाया भोजन मुहैया कराया जाता है, ठीक उसी तर्ज पर इन केंद्रों से बुजुर्गों को भी एक वक्त का भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।

इस योजना का खाका तैयार कर लिया गया है। इसके लिए आंगनवाड़ी केंद्रों को खाद्य विभाग के अलावा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। यही नहीं, बुजुर्गों के लिए भोजन में क्या-क्या होगा, इसका मेन्यु तैयार करने के लिए महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। पंचायत चुनाव निबटने के बाद योजना का मसौदा कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे राज्यभर में लागू कर दिया जाएगा।