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उत्तराखंड : 10 साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद की हत्या

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सोमवार से उत्तराखंड के कोटद्वार में नगर निगम क्षेत्र से लापता चल रही 10 साल की बच्ची का शव बुधवार को टुकड़ों में बरामद होने से हड़कंप मच गया। मासूम से दुष्कर्म करने के बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई थी।

शव झाड़ियों में फेंका गया था, जहां जानवरों के खाने से टुकड़ों में बंट गया। दोनों आरोपी बच्ची के परिजनों के परिचित थे, पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।

कोतवाली पुलिस ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र से पांच अगस्त की शाम को घर से दुकान गई 10 साल की बच्ची लापता हो गई थी। मंगलवार तक उसका कुछ पता नहीं लगा तो परिजनों ने पुलिस को तहरीर देकर मामले की जानकारी दी।

सीसीटीवी कैमरे से मिला सुराग
जिसके बाद पुलिस बच्ची की तलाश में जुट गई। तफ्तीश में लगी पुलिस टीम ने क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो एक युवक बच्ची को अपने साथ ले जाता हुआ दिखाई दिया। इसी क्रम में पुलिस ने बच्ची के स्कूल में तैनात भोजनमाता से पूछताछ की तो उसने बताया कि एक युवक बच्ची के संबंध में पूछताछ कर रहा था।

इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी में दिख रही धुंधली तस्वीर और भोजनमाता के बताए हुलिए के आधार पर आरोपियों की तलाश में पूरी ताकत झोंक दी। बुधवार को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने एक आरोपी पद्म (28) पुत्र कालू राम को गाड़ीघाट तिराहे से दबोच लिया।

सख्ती से पूछताछ करने पर उसने बच्ची से दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने की बात कबूल ली। साथ ही इस जुर्म में सहयोगी रहे दोस्त का नाम भी बता दिया। जिसके बाद पुलिस ने दूसरे आरोपी अशोक (31) पुत्र सूरत को भी दबोच लिया।

सुअर और कुत्ते खा चुके थे शव
आरोपियों ने  बताया कि उन्होंने शराब के नशे में इस दरिंदगी को अंजाम दिया। दोनों की निशानदेही पर पुलिस शव बरामद करने रेलवे स्टेशन के पास झाड़ियों में पहुंची तो सन रह गई। मौके पर बच्ची के शव के टुकड़े बिखरे हुए थे।

शव का अधिकांश हिस्सा सुअर और कुत्ते खा चुके थे। मौके से बच्ची की चप्पल भी बरामद हुई। पुलिस ने दोनों आरोपियों पर अपहरण, हत्या, दुष्कर्म और पॉक्सो की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस टीम में एसएसआई प्रदीप नेगी, बाजार चौकी इंचार्ज कमलेश शर्मा और कलालघाटी चौकी इंचार्ज संदीप शर्मा शामिल रहे।

परिजनों को बच्ची की मां पर था शक
बताया गया कि बच्ची के माता-पिता अलग रहते हैं। बच्ची का लालन-पालन उसकी दादी ने ही किया है। परिजनों को शक था कि कहीं बच्ची की मां उसे अपने साथ न ले गई हो। लेकिन पुलिस की शुरुआती तफ्तीश में ही साफ हो गया कि ऐसा कुछ नहीं हुआ।

परिजनों के परिचित थे दोनों आरोपी
नेपाली मूल के दोनों आरोपी बच्ची के परिजनों के परिचित थे और अक्सर उनके घर आते-जाते रहते थे। इस वजह से बच्ची भी उन्हें पहचानती थी। बच्ची के गायब होने के बाद भी दोनों आरोपी उनके घर में आते जाते रहे, जिससे दोनों पर किसी का शक नहीं गया।
पुलिस मामले की विवेचना को 10 से 15 दिन में ही पूरा कर आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने का प्रयास करेगी। इसके लिए पुलिस मामले में न्यायालय से प्रतिदिन सुनवाई करने का आग्रह करेगी।
– मनोज रतूड़ी, कोतवाल