शुक्रवार को राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक हुई बैठक में राज्य कर्मचारियों के इस वित्तीय में प्रतिमाह 1 दिन का वेतन काटे जाने का फैसला लिया गया। सरकार के इस फैसले का कर्मचारी शिक्षक संगठन ने कड़ा विरोध किया है। उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के मण्डलीय अध्यक्ष नवेंदु मठपाल ने इस फैसले पर रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार एक ओर कर्मचारी शिक्षकों को कोरोना वारियर्स घोषित कर रही है, दूसरी ओर उनकी सुविधाओं में कटौती कर रही है। उन्होंने कहा कर्मचारी शिक्षक संगठनों की राय के बिना लिए गए इस फैसले का प्रांतीय कार्यकारिणी के नेतृत्व में सभी कर्मचारी शिक्षक एकजुट हो विरोध करेंगे।
वहीं उत्तर भारत पटवारी/कानूनगो संगठन ने भी सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। संगठन के महासचिव तारा चन्द्र घिल्डियाल ने इस फैसले पर रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार का यह कदम गैर जिम्मेदाराना तथा अव्यवहारिक है। कर्मचारी तथा शिक्षक कोविड-19 में पूर्ण मनोयोग से कार्यरत हैं। ऐसे में बिना विश्वास में लिए वेतन कटौती का प्रदेश स्तर पर पुरजोर विरोध होगा।